आयुक्त ने कछुआ तालाब का दौरा कर वीसी केडीए व नगर आयुक्त को दिये निर्देश।
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। पनकी में कचुआ तालाब शहर के सबसे पुराने और सबसे महत्वपूर्ण जल निकायों में से एक है।यह कछुए के संरक्षण और प्रजनन के लिए भी महत्वपूर्ण जल निकाय है। यह उनके लिए स्थायी जगह है और हजारों छोटे और बड़े कछुओं का प्रजनन करता है।प्रदेश सरकार ने इस ऐतिहासिक जल निकाय को फिर से जीवंत करने और कछुओं के संरक्षण / प्रजनन के लिए वर्ष 2017 में नगर निगम को ₹ 2 करोड़ की एक परियोजना को मंजूरी दी। 2020 तक निगम द्वारा अब तक ₹1.7 करोड़ मूल्य के कुछ कार्य कराया हैं। लेकिन फिर भी उद्देश्य पूर्ण नहीं हो सके।मंडलायुक्त ने नगर आयुक्त और वीसी केडीए के साथ चर्चा कर तालाब के जीर्णोद्धार पर निगम के लंबित कार्यों को पूरा करने के लिए ₹70 लाख की एक परियोजना को मंजूरी दी। इसे अगले 3 से 4 महीनों में पूरा कर लिया जाएगा।जिसमें दो मीटर गहरे तालाब की खुदाई, पर्याप्त रोशनी व्यवस्था, नए सार्वजनिक शौचालय अलग-अलग,अवशेष टाइलिंग कार्यों को पूरा करना।आयुक्त डॉ. राजशेखर ने कार्य प्रगति का आकलन करने के लिए नगर आयुक्त और वीसी केडीए के साथ कार्य स्थल का दौरा कर संभावित विकास पर चर्चा की।जिसमें वर्तमान में अभी दो जेसीबी मशीनें काम कर रही हैं। अगले दो सप्ताह में बारिश की सम्भावनाओं को देखते हुए आयुक्त ने नगर आयुक्त को दो और जेसीबी मशीन लगाकर 10 दिनों में मिट्टी खोदने का काम पूरा करने के निर्दैश।उन्होंने नगर आयुक्त को आने वाले मानसून के मौसम में कम से कम 100 बड़े पेड़ लगाने के लिए कहा ताकि आने वाले वर्षों में इसे हरित पट्टी और छाया प्रदान की जा सके।नगर आयुक्त को अगले 15 दिनों में एक बड़ा 1000 लीटर वाटर कूलर स्थापित करने। आयुक्त ने वीसी केडीए को तालाब परिसर में आंतरिक बाउंड्री वॉल की मरम्मत और प्रकृति संरक्षण संदेशों को दर्शाते हुए एक समान रंग और डिजाइन के साथ पेंट करने के लिए कहा।और तालाब क्षेत्र को शिव मंदिर के विपरीत दिशा में अतिरिक्त सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए भी निर्देश दिए।नगर निगम को साल भर 2 मीटर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आकलन करे, ताकि कछुआ की संख्या में बढ़े।उन्होंने नगर आयुक्त को कछुआ प्रजाति के विशेषज्ञों से संपर्क कर तालाब में उपलब्ध कछुओं की संख्या का आकलन करने और आने वाले दिनों में बेहतर संरक्षण रणनीति के साथ कछुओं की संख्या बढ़ाने के लिए उनकी मदद लेने साथ ही शौचालय, प्रकाश व्यवस्था, भूमि स्केलिंग, वृक्षारोपण कार्यों को अगले 3 से 4 महीने में पूरा करने के निर्देश दिये।
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