श्री राम कथा रामलीला महोत्सव के तीसरे दिन हजारों भक्तों ने सुनी कथा |
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | श्री राम कथा रामलीला महोत्सव के तीसरे दिन आचार्य पं रामाशीष शुक्ला ने बताया कि रामकथा के बगैर ज्ञानी को भी अपने सत्कर्म का अभिमान हो जाता है देवर्षि नारद इसके प्रत्यक्ष प्रमाण है हिमालय की गुफा में तपस्या करते हुए देवर्षि नारद के प्रभाव से इंद्र घबरा गए तथा तपस्या से विरोध करने हेतु कामदेव को भेजा किंतु कामदेव पूर्व शक्ति लगाकर पराजित हुए और नारद को अभिमान हो गया यह उसी तरह हो गया जैसे किला के भीतर बैठा व्यक्ति वाह्य शस्त्रों से बच जाए और उसको भ्रम हो जाए की मैं युद्ध जीत गया और यहीं से नारद का पतन प्रारंभ हुआ देवर्षि नारद अपनी प्रशंसा सुनने के लिए सदगुरु शंकर के पास गए शिव ने समझाया अपनी प्रशंसा सुनना उचित नहीं है और नारद जी ने नहीं माना अंततोगत्वा भगवान विष्णु के द्वारा कुटुंब किया गया और देवर्षि नारद की विडंबना हुई इस कारण सर्वदा व्यक्ति को अपनी ऊंचाई बढ़ाई सुनने का आदि नहीं होना चाहिए सूर्य का उदय होगा तो प्रकाश होगा ही यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि सूर्य का उदय हो गया है व्यक्ति में बल है तो केवल आचरण का त्रास वीरों को नहीं होता मरण का कह रहा इतिहास सीना तान कर विश्व अनुयाई सदा बढ़ते चरण का। व्यासपीठ से व्यास जी ने बताया कि कल श्री राम जन्म की कथा होगी जिसके लिए संपूर्ण तैयारी कर रही है महोत्सव में मुख्य रूप से महोत्सव के संयोजक प्रबोध मिश्रा सुनील सचान सुशील अवस्थी राजेश तिवारी शिवम निगम आशु पण्डित रवि राठौर ब्रज किशोर तिवारी मनोज मिश्रा वीर सिंह शैल शर्मा वैभव शुक्ला ओम कुमार त्रिपाठी अभय शुक्ला राहुल पाल अजय मिश्रा सोनू तिवारी जितेंद्र सिंह चंदेल सहित काफी संख्या में राम भक्तों ने राम कथा ज्ञान रूपी गंगा में गोते लगाए।
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