गणपति बप्पा के जयकारों से गूंजी इत्रनगरी
-पाण्डालों में भगवान श्रीगणेश की भव्य मूर्ति स्थापित कर वैदिक मन्त्रोचार के बीच शुभारम्भ हुआ श्री गणेश महोत्सव
-पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के किये कड़े इन्तजाम, प्रत्येक पाण्डाल पर आवंछनीय तत्वों पर पुलिस की रहेगी कड़ी नजर
कन्नौज ब्यूरो पवन श्रीवास्तव के साथ प्रिंस श्रीवास्तव
हिंदुस्तान न्यूज एक्सप्रेस कन्नौज संवाददाता।जिले में गणेश चतुर्थी के मौके पर 113 स्थानों पर भव्य पंडाल सजाकर भगवान श्रीगणेश जी की मूर्ति को स्थापित कर पूजन अर्चन किया गया। इत्रनगरी में 34 स्थानों पर गणेश पंडाल सजाए गए हैं वहीं छिबरामऊ में 33, गुरसहायगंज में 08 व तालग्राम में 03, सौरिख में 13 व विशुनगढ़ में 03, ठठिया में 08, इंदरगढ़ में 09 स्थलों पर भगवान श्रीगणेश को स्थापित करने के लिए पंडाल बनाए गए हैं। मंगलवार को सुबह से लेकर शाम तक अलग-अलग समय पर विधि विधान पूर्वक प्रथम पूज्य विघ्नविनाशक भगवान श्रीगणेश की स्थापना की गई।इत्र और इतिहासिक नगरी में प्रथम पूज्य भगवान श्रीगणेश महोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। श्रीगणेश पाण्डाल में दस दिन तक विभिन्न भक्तिमय कार्यक्रमों का आयोजन होता है। सदर कोतवाली क्षेत्र में 34 स्थानों पर सिद्धि विनायक की स्थापना हुई। इसकी तैयारियां करीब पांच दिन पहले से शुरू हो गई थी। 10 दिनों तक चलने वाले कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन को लेकर श्रीगणेश महोत्सव समिति द्वारा श्रृद्धालुजनों के लिये विशेष व्यवस्था की गई है। वहीं पुलिस प्रशासन द्वारा प्रत्येक पाण्डालों के लिए सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम भी कर दिए गए। सूचना मिलते ही पुलिस को तुरंत पहुंचने के आदेश दिए गए हैं। शहर में सबसे बड़ा आयोजन मोहल्ला कटरा में हो रहा है। यहां कई दिन पहले से ही आयोजक तैयारियों में जुटे रहें। मानीमऊ स्थित आनंदेश्वर धाम के पीठाधीश्वर कौशल किशोर महाराज ने बताया कि भगवान गणेश जी के जन्मदिन के उत्सव को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है। शास्त्र सम्मति है कि भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को अग्रपूज्य देव भगवान श्रीगणेश का मध्याह्न काल में जन्म हुआ था। वहीं आचार्य शिवांग अग्निहोत्री ने बतायां कि चतुर्थी तिथि मंगलवार 19 सितंबर को दो बजे तक है। उदयातिथि के अनुसार पूरे दिन पूजा और स्थापना कर सकते हैं। पर्व को शान्ति एवं सौहार्द पूर्ण माहौल में मनाये जाने हेतु पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के कड़़े इन्तजाम किए हैं। काफी संख्या में पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है।