कैलाश मठ में महामंडलेश्वर का पटटi अभिषेक भव्य रूप से हुआ संपन्न
*पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी में नए महामंडलेश्वर का किया गया अभिषेक
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस वाराणसी।आज नये महामंडलेश्वर पंचायती अखाड़ा का गंगाजल दूध शहद पंच द्रव्य गुलाब की पंखुड़ी एवं दुपट्टा शॉल वेद मंत्र कर के बीच में भव्य अभिषेक नवनियुक्त श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर स्वामी मधुसुधानंद गिरी जी महाराज अन्नपूर्णा शक्तिपीठ सेमलिया धाम मध्य प्रदेश, निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशनंद गिरी जी महाराज हरिद्वार, निरंजलि अखाड़ा के पंच परमेश्वर सचिन ओंकार गिरी, सचिव दिनेश गिरी, राधे गिरी, बृजेश गिरी, अनंत जी पुरी महाराज, काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रमुख पुजारी पंडित श्रीकांत मिश्रा ने मंत्र पढ़कर सभी संतों का स्वागत किया।अपने वक्तव्य में महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशनंद गिरी जी महाराज ने कहा कि सन्यासी एवं वैष्णो को मिलाकर 13 अखाड़े हैं जगतगुरु आदि शंकराचार्य ने सनातन धर्म के रक्षा के लिए अखाड़ा परिषद की स्थापना किया गया,जैसे देश की रक्षा के लिए भारतीय सेना तत्पर रहती है एवं पूरा देश उनका आदर करती है वैसे ही सनातन धर्म की रक्षा के लिए नागा संत सेना अखाड़ा की निगरानी में हमेशा तत्पर रहती है। अतः सभी सनातनी लोगों के सेवा का सम्मान करना चाहिए।श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर स्वामी आशुतोषनंद गिरि जी महाराज ने अपने वक्तव्य में कहा कि पर्वत के ऊपर रहने वाले संतों को गिरी नाम दिया गया पर्वत के नीचे रहने वाले संतों को पुरी संत कहा गया।भारत में भ्रमण करने वाले संत को भारतीय, सरस्वती के तट पर रहने वाले संतों को सरस्वती, जंगल में रहने वाले संतों को अरण्य, समुद्र क्षेत्र में रहने वाले संतों को सागर कहा गया।आश्रम एवं तीर्थ नगरों में रहने वाले संतों को तीर्थ नाम देकर सनातन धर्म के प्रचार का भार दिया गया।आज इन्हीं संतो को 10 नामी संत कहते हैं उन्होंने कहा कि वे लोग बहुत ही भाग्यशाली होते हैं जिनका अभिषेक महामंडलेश्वर के पद पर किया जाता है और उन्हें ईश्वर का प्रतिबिंब माना जाता है।
नवनियुक्त महामंडलेश्वर स्वामी मधुसुधानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि मेरा यह सौभाग्य है कि मेरा अभिषेक श्री काशी विश्वनाथ के नगर में हुआ। मैं पूरे भारत में संत समाज को और सनातन धर्म को मजबूत करने के लिए जीवन का एक-एक क्षण लगा दूंगा।
कार्यक्रम में देवेंद्र कुमार पाठक स्वामी राघवानंद जी महाराज एवं सैकड़ो भक्तों ने नवनियुक्त महामंडलेश्वर जी का गंगाजल दूध दही शहद से भव्य अभिषेक किया गया। कैलाश मठ के विद्वान बटुकों ने वेद मंत्र का उच्चारण किया पूरा प्रांगण हर हर महादेव के नारों से गूंज उठा।