पति की लंबी आयु और आरोग्यता के साथ वैभव की कामना कर विवाहिताओं ने की वट वृक्ष की पूजा
-गुरुवार को वट सावित्री अमावस्या पर विशेष योग रोहिणी नक्षत्र के कारण इस बार रहा पूजा का विशेष महत्व
-मंदिरों से लेकर घरों में बडी संख्या में विवाहिता महिलाओं ने रखा वट सावित्री व्रत
-सोलह श्रंगार कर महिलाओं ने सावित्री को देवी स्वरूप मानकर 108 परिक्रमाओं के साथ वृत किया पूरा
प्रिंस श्रीवास्तव के साथ संदीप शर्मा
हिंदुस्तान न्यूज एक्सप्रेस कन्नौज संवाददाता।पति की लंबी उम्र,आरोग्यता,और वैभव के लिये बड़ी संख्या में विवाहिता महिलाओं ने सोलह श्रंगार करके वट सावित्री व्रत रखकर पूजा अर्चना की।घरों से लेकर मंदिरों तक महिलाओं ने पूजा अर्चना के लिये सुबह से ही वृत्त की तैयारियां शुरू कर दी थीं।महिलायें बडी संख्या में सुबह से ही वट वृक्षों के निकट पूजा अर्चना को नजर आईं।16 प्रकार के श्रंगार करके वट वृक्ष की पूजा अर्चना और परिक्रमा करके विवाहिताओं ने वट वृक्ष को अपने पति स्वरूप मानकर पूजा अर्चना करते हुये भोग लगाते हुये पूजन सामग्री भी अर्पण की।रोहणी नक्षत्र में पड़े इस वट सावित्री पर्व पर 108 परिक्रमाएं करते हुये विवाहिताओं ने अपने पति की लंबी उम्र और आरोग्यता के साथ वैभव के लिये मन्नतें भी देवताओं के वास स्वरूप स्थित वट वृक्ष से मांगी।विवाहिता संध्या शर्मा ने बताया कि उपरोक्त पर्व का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है।वट सावित्री व्रत और पूजन अवश्य ही स्मरणीय है।सावित्री ने सत्यवान को वट वृक्ष के नीचे ही नवजीवन दिया था।व्रत के प्रभाव से ही सती सावित्री ने अपने पति के प्राण यमराज से वापस लिये थे।सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिये वट सावित्री व्रत की पूजा करती हैं।बुधवार को सुबह से शाम तक वट वृक्षों पर महिलाओं के पूजन अर्चन का सिलसिला जारी रहा।पूजा अर्चना के बाद विवाहित महिलाओं ने अपने व्रत को पूरा किया और अपने पतियों का आशीर्वाद लेने के बाद अपना व्रत खोला।इसके बाद महिलाओं ने जल ग्रहण किया।कन्नौज नगर क्षेत्र सहित तिर्वा,छिबरामऊ, गुरसहायगंज,सहित जिले भर में शहर और ग्रामीण अंचलों में उपरोक्त पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।