"विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस" विशेष
" कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य" की थीम पर मनाया जाएगा विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस इटावा दुनिया भर में मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने व लोगों को सही जानकारी पहुंचाने के लिए हर वर्ष 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की थीम है " कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य"जो सहायक कार्य वातावरण के महत्व पर प्रकाश डालतीहै।इसी थीम के अनुसार उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैंफई में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (10 अक्टूबर)पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा यह जानकारी मानसिक रोग विभाग विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. अरुण कुमार मिश्रा ने दी।
उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्वास्थ्य की परिभाषा में स्पष्ट कर दिया है शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी महत्व दिया जाएगा।इसलिए इस दिवस पर जागरूकता कार्यक्रमों द्वारा लोगों को मानसिक स्वास्थ्य व " कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य" के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी दी जाएगी।
क्या है मानसिक स्वास्थ्य?
मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ अरुण ने बताया
हमारे मानसिक स्वास्थ्य में भावात्मक, मनोवैज्ञानिक व सामाजिक कल्याण शामिल है। यह हमारी सोचने,समझने,महसूस करने और कार्य करने की क्षमता को प्रभावित करते हैं। क्योंकि छोटे से छोटा बड़े से बड़ा काम हम मस्तिष्क के जरिए करते हैं। इसलिए अनियमित जीवन शैली और सही खान-पान ना होने के कारण मस्तिष्क की कार्यक्षमता बुरी तरह से प्रभावित होती है। इस स्थिति में मानसिक बीमारियां चिंता, अत्यधिक तनाव मनोदशा विकार,व्यक्तित्व विकार, अवसाद, फोबिया, ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर , मानसिक मंदता,मनो विक्षिप्तता का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने बताया कि मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए सबसे पहले खानपान पर विशेष ध्यान दें। ज्यादा नकारात्मक रूप से ना सोचें। किसी बात को बेवजह अपने दिमाग पर हावी ना होने दें। अपने कार्य स्थल पर काम को गंभीरतापूर्वक करें और कोशिश करें कि आप किसी भी प्रकार की टेंशन दिमाग में ना रखें। जिससे आपकी मेंटल हेल्थ प्रभावित हो। कोशिश करें अपने आहार में ब्रेन बूस्टर फूड्स (फल मेवा हरी सब्जियां आदि) को आहार में शामिल करें साथ ही मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए योगा और व्यायाम को अपनी जीवन शैली में अपनाएं।
उन्होंने बताया मानसिक रोगियों के लिए कमरा नंबर 05 ओपीडी होती है उसमें आकर कोई भी व्यक्ति जो मानसिक रूप से स्वस्थ महसूस नहीं कर रहा है वह जाकर दिखा सकता है।
हमारे संस्थान में मानसिक रोगियों के उपचार व थेरेपी के लिए बायोफीडबैक, इलेक्ट्रो एन्सेफालोग्राफी (ईईजी) व मानसिक रोगियों के लिए 30 बेड का वार्ड भी है।