टिनिया के मरीजो की संख्या बढ़ी, 40 प्रतिशत ततक आ रहे है टिनिया से ग्रस्ति मरीज
U- 400 से 500 ओपीडी में 160 से 200 मरीज टिनिया से पीड़ित
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। गर्मी का मौसम शुरू हो गया है तो वही अब शरीर पर चक्त्थे पडने, खुजली होना , नाखून मोट होकर टूट जाना यहां तक कि अगर इसका इंफैक्शन सिर पर पहुंच गया तो बाल झडने की समस्या भी पैदा हो जाती है। इस बीमारी को टिनिया कहा जाता है जो कि एक संक्रामक फ़ंगल त्वचा संक्रमण है। इसे रिंगवर्म के नाम से भी जाना जाता है। यह त्वचा पर छल्ले के आकार के लाल धब्बे पैदा कर सकता है. टिनिया, शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है, लेकिन यह ज़्यादातर पैरों, कमर, नाखूनों, शरीर और खोपड़ी पर होता है।
चर्मरोग विभागध्यक्ष प्रो0 डॉ डी पी शिवहरे ने बताया कि टिनिया वर्तमान समय में 400 से 500 मरीज ओपीडी में आ रहे जिसमें 40 प्रतिशत मरीज टिनिया के शिकार है। उन्होंने बताया कि इसका समय पर उपचार अवश्य कराना चाहिए ताकि यह बीमारी शरीर के अन्य भागो में असर न कर सके। इसके लिए विशेषज्ञ की राय लेकर ही दवा शुरू करनी चाहिए। खास तौर पर ऐसे मरीजो को स्वयं मेडिकल स्टोर से दवा खरीद कर नही खानी चाहिए साथ स्ट्रायड का इस्तेमाल भी नही करना चाहिए। उन्होंने बताया कि अगर परिवार मेंकोई भी टिनिया बीमारी से पीड़ित है तो उसको साफ कपडे पहनने चाहिए और मरीज के सम्पर्क में आने से बचना चाहिए। उन्होंने बताया कि डायबटीज के मरीजो को बहुत ही सावधान रहना चाहिए। पहले यह बीमारी 15 से 20 दिनो में ठीक हो जाती थी,लेकिन अब 3 माह का समय ठीक होने में लग रहा है।
टिनिया के प्रकार
टिनिया वर्सिकलर त्वचा की सबसे ऊपरी परत का फ़ंगल संक्रमण होता है. इसमें पपड़ीदार और बदरंग चकत्ते बन जाते हैं एथलीट फ़ुट (टिनिया पेडिस) यह आम तौर पर पैरों और पैर की उंगलियों के बीच में होता है। जॉक खुजली (टिनिया क्रूरिस) यह दाने कमर में होता है। स्कैल्प दाद (टिनिया कैपिटिस) यह बहुत संक्रामक है,लेकिन वयस्कों में दुर्लभ है। नाखून का संक्रमण (टिनिया यूंगियम या ओनिकोमाइकोसिस) यह पैर के नाखूनों और कभी-कभी हाथ के नाखूनों का संक्रमण हैै।
टिनिया के इलाज
एंटीफ़ंगल क्रीम, शैम्पू या मुंह से दी जाने वाली दवा, त्वचा को सूखा रखना, व्यक्तिगत स्वच्छता उत्पाद, कपड़े या जूते साझा नहीं करना, टिनिया के फैलाव को रोकने के लिए
पैर की उंगलियों के बीच के हिस्से को सुखाने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। लॉकर रूम, सार्वजनिक शॉवर और पूल के आस-पास सैंडल या फ़्लिप फ़्लॉप पहनना चाहिए।
टिनिया एक संक्रामक त्वचा या नाखून संक्रमण है, जो कवक के कारण होता है। संक्रमण का नाम उसके स्थान और कवक के प्रकार पर निर्भर करते हुए अलग-अलग होगा। कुछ सामान्य संक्रमण हैं एथलीट फुट, रिंगवर्म और जॉक खुजली है।