आईसीएआर के सहायक महानिदेशक ने छात्र/छात्राओं एवं संकाय सदस्यों के साथ किया संवाद
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | सीएसए के आनुवंशिकी एवं पादप प्रजनन विभागाध्यक्ष डा० विजय कुमार यादव ने बताया कि आज डा० संजीव गुप्ता, सहायक महानिदेशक, तिलहन, दलहन एवं बीज भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा पादप प्रजनन एवं आनुवांशिकी विभाग में एक शोध छात्रा की ओरल काम्प्रेसिव परीक्षा लेने के बाद विश्वविद्यालय के समस्त परास्नातक एवं शोध छात्रों के साथ कृषि संकाय के संकाय सदस्यों, विभागाध्यक्षो, अधिष्ठाताओं के साथ परिचर्चा में कृषि क्षेत्र में की जा रही विभिन्न प्रकार की नमोन्मेशी योजनाओं के साथ कृषि के क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे उत्पादन एवं उनके लिए किये गये अनुसंधान कार्यों के बारे संवाद किया। डा० संजीव गुप्ता जो देश के जाने माने दलहन के वैज्ञानिक भी हैं के द्वारा कृषि क्षेत्र में डिजिटलाईजेशन, ए०आई०, ऊर्जा के नए स्त्रोत, जीन एडिटिंग आदि क्षेत्रों में किये जा रहे कार्यों पर विस्तृत चर्चा की। अभी हाल ही में जिनोम एडिटिग द्वारा धान की 02 प्रजातियों को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा विकसित किया गया है। इस तकनीकी द्वारा धान की प्रजाति विकसित करने वाला भारत प्रथम देश बन गया है। जिनोम एडिटिंग द्वारा धान की डी०आर०आर० 100 (कमला) जो सांवा महसूरी प्रजाति के जिनोम में परिवर्तन कर विकसित की गयी है। यह प्रजाति इस विश्वविद्यालय के एल्युमिनाई डा० सतेन्द्र जो भारतीय चावल अनुसंधान हैदराबाद में कार्य कर रहे है। के द्वारा विकसित किया है। यह हमारे विश्वविद्यालय के लिए गौरव की बात है। शोध छात्रो एवं संकाय संदस्यो को इसे प्रेरणा लेनी चाहिए। इस प्रजाति से अपनी मात्र प्रजाति सावा महसूरी से 19 प्रतिशत अधिक उत्पादन एवं 15 दिन कम में पककर तैयार हो जाने के कारण इससे गेहूँ-धान फसल चक की उत्पादकता बढ़ने की सम्भावना अच्छी है।
वर्तमान में बढ़ रहे पर्यावरण प्रदूषण को कम करने की दिशा मे ब्राजील की वैज्ञानिक डा० मेरियागेला होंगिरिया द्वारा बीजो का बायोलॉजिकल सीड्स ट्रीटमेन्ट पर विशेष संवाद करते हुए बताया कि इस वर्ष इनके कार्यों के लिए वर्ड फूड प्राइज दिया गया। इन्होने ब्राजील में 40 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्रफल पर बायोलॉजिकल बीजोउपचार द्वारा लगभग 40 मिलियन डॉलर जो कृषि रसायनो पर खर्च किया जाता था। कि बचत पर मृदा स्वास्थ, पर्यावरण अनुकूल उत्पादन की दशा में अति प्रसंशनीय कार्य किया है। इस कार्यक्रम का शुभारम्भ आनुवंशिकी एवं पादप प्रजनन विभागाध्यक्ष डा० विजय कुमार यादव द्वारा मुख्य अतिथि डा० संजीव गुप्ता जी का स्वागत पुष्पगुच्छ एवं शाल पहनाकर किया गया। कार्यक्रम संचालन डा० श्वेता द्वारा तथा धन्यवाद डा० सी०एल० मोर्य, अधिष्ठाता कृषि द्वारा किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के डा० सर्वेन्द्र कुमार, डा० महक सिंह, डा० मुकेश श्रीवास्तव, डा० कौशल कुमार, डा० सर्वेश कुमार, डा० मो० सिद्दकी एवं विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यो के साथ 180 छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।