यूपीयूएमएस में आर्थोस्कोपी कोर्स – 2025 का आयोजन 26-27 जुलाई को
* कार्यशाला में 'घुटनों की चोटों का दूरबीन विधि से इलाज' के संदर्भ में दिया जाएगा प्रशिक्षण
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस सैफई इटावा।उत्तर प्रदेश आर्थोपेडिक एसोसिएशन के विशेष सहयोग से चिकित्सा विश्वविद्यालय, सैफई के ऑर्थोपेडिक्स विभाग के तत्वाधान में दूरबीन विधि से लिगामेंट्स इलाज पर आधारित 11वें प्रदेश स्तरीय विशेष कार्यशाला तथा प्रथम सैफई कैडेवरिक आर्थोस्कोपी कोर्स – 2025 का 26-27 जुलाई को आयोजित होगा।
कार्यक्रम का उद्घाटन माननीय कुलपति प्रो. (डॉ.) पी.के. जैन द्वारा किया जाएगा। आयोजन का उद्देश्य घुटनों की लिगामेंट व स्पोर्ट्स इंजरी के आधुनिक दूरबीन तकनीक से इलाज हेतु नवोदित ऑर्थोपेडिक सर्जनों को प्रशिक्षण देना है।
डॉ. आर. एस. यादव (अध्यक्ष, सैफई ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन) ने बताया कि यह कार्यशाला देश में आर्थोस्कोपी तकनीक के क्षेत्र में नवीनतम शोध, अनुभव व तकनीकों को साझा करने का एक महत्त्वपूर्ण मंच होगा जिसमें हमारे ऑर्थो सर्जन को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।
हड्डी विभाग के विभागाध्यक्ष एवं आयोजक अध्यक्ष प्रोफेसर. (डॉ.) सुनील कुमार ने बताया कि घुटनों की लिगामेंट चोटें यदि समय रहते दूरबीन विधि से ठीक की जाएं तो मरीजों को सामान्य जीवन में वापसी में आसानी होती है।अब स्पोर्ट्स इंजरी व लिगामेंट चोटों के लिए मरीजों को दिल्ली या लखनऊ जाने की आवश्यकता नहीं है। सैफई के ऑर्थोपेडिक्स विभाग में संचालित स्पोर्ट्स इंजरी क्लिनिक में इनका उन्नत इलाज संभव है।देशभर से 60+ आर्थोस्कोपी विशेषज्ञ व 150 से अधिक प्रतिभागी सम्मिलित होंगे।
उन्होंने बताया कि इस विशेष कार्यशाला में विशेष व्याख्यान व तकनीकी सत्र आयोजित होंगे व एनाटॉमी विभाग में कैडेवरिक (मानव शरीर पर आधारित) प्रशिक्षण दिया जाएगा।प्रत्येक टेबल पर केवल 4 प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा जिससे व्यक्तिगत मार्गदर्शन सुनिश्चित हो सके।
आयोजन सचिव डॉ. हरीश कुमार ने कहा कि यह सम्मेलन आर्थोस्कोपी में रुचि रखने वाले युवा सर्जनों के लिए एक सशक्त शैक्षणिक मंच है, जिससे सैफई चिकित्सा विश्वविद्यालय एक अग्रणी संस्थान के रूप में स्थापित होगा।
यह वर्कशॉप भविष्य में एक मील का पत्थर सिद्ध होगी।यह ऐतिहासिक आयोजन उत्तर भारत में आर्थोस्कोपी के क्षेत्र में एक नई शुरुआत का संकेत देता है।