वर्ल्ड हेपटाइटिस दिवस पर साइंटिफिक संगोष्ठी का हुआ आयोजन
U-184 हेपेटाइटिस सी के मरीजो को इलाज द्वारा किया गया स्वस्थ
U-माइक्रोबायोलॉजी विभाग में प्रतिवर्ष लगभग 2400 लोगो का होता है हेपेटाइटिस बी व सी का टेस्ट
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। वर्ल्ड हेपटाइटिस दिवस के अवसर पर गणेश शंकर विद्यार्थी सुपर स्पेशलिटी पी जी आई के सभागार में एक साइंटिफिक संगोष्ठी का सफल आयोजन किया गया।
इस संगोष्ठी का उदेश्य आम जनमानस एवं हेल्थ केयर वर्कर में हेपटाइटिस जैसी गंभीर बीमारी के बारे मे जागरूकता पैदा करना और साथ ही हेपटाइटिस की जांच व इलाज में नई तकनीक और दवाओं के बारे में अवगत कराना था। कार्यक्रम की शुरुआत जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य डॉ संजय काला, उपप्रधानाचार्य डॉ रिचा गिरी व मुख्य अधीक्षक डॉ आर.के सिंह, नोडल पीएमएसएसवाई डॉ मनीष सिंह एवं नोडल राष्ट्रीय वायरल नियंत्रण कार्यक्रम डॉ विनय कुमार द्वारा दीप प्रज्वलित कर के किया गया। कार्यक्रम में डॉ विनय कुमार, डॉ रंजीत निम, डॉ अश्वनी सेठ, डॉ हिमांशी एवं डॉ धु्रव ठाकुर द्वारा व्याख्यान प्रस्तुत किए गए। संगोष्ठी के दौरान डॉ विनय कुमार विभागाध्यक्ष गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग द्वारा बताया गया कि मेडिकल कॉलेज में हेपेटाइटिस ऐ, बी, सी एवं ई की जांचों एवं इलाज की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध है। इसके साथ ही हेपेटाइटिस बी से संक्रमित मां से जन्म लेने वाले नवजात शिशु को दिया जाने वाला इंजेक्शन हेपेटाइटिस बी इम्यूनोग्लोबिन भी निःशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है। मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में प्रतिवर्ष लगभग 2400 टेस्ट हेपेटाइटिस बी एवं सी के लिए किए जाते हैं। जिनमें से लगभग 3.5 फीसदी लोग पॉजिटिव पाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि कानपुर मेडिकल कॉलेज का गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग राष्ट्रीय वायरल हेपटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत हेपटाइटिस के संपूर्ण इलाज के लिए एक ट्रीटमेंट सेंटर की तरह काम कर रहा है, इस कार्यक्रम का उद्देश्य वायरल हेपटाइटिस की रोकथाम, जांच एवं इलाज की सुविधा निशुल्क उपलब्ध कराना है। पिछले एक साल में लगभग 184 हेपेटाइटिस सी के मरीज इलाज द्वारा स्वस्थ हो चुके हैं जबकि 140 मरीजों का इलाज चल रहा है एवं तीन सौ हेपेटाइटिस बी के मरीजों का इलाज चल रहा है।