अजन्मी बेटियों व बलिदानियों के लिए सरसैया घाट पर हुआ महातर्पण
U-पिण्डदान कर समाज में फैली कुरीतियों के परिमार्जन का दिया संदेश
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | ऐतिहासिक सरसैया घाट रविवार को एक अद्भुत एवं भावनात्मक आयोजन का साक्षी बना। युग दधीचि देहदान संस्थान के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम में 40 महिलाओं ने अजन्मी बेटियों, बलिदानियों व देहदानियों की आत्मा की शांति हेतु तर्पण व पिण्डदान कर समाज में फैली कुरीतियों के परिमार्जन का संदेश दिया।
इस अनूठी परंपरा की शुरुआत वर्ष 2011 में हुई थी, जो निरंतर जारी है। कार्यक्रम का उद्घाटन पूर्व महापौर जगतवीर सिंह दोषी ने किया। मुख्य अतिथि सांसद देवेन्द्र सिंह भोले ने इसे उत्तर भारत का अद्वितीय आयोजन बताया। दीप पूजन डॉ. उमेश पालीवाल एवं पं. शेषनारायण त्रिवेदी ने सम्पन्न किया।मुख्य पूजन प्रयागराज से आईं ले. कर्नल (से.नि.) प्रभा अवस्थी, अटल की पौत्री नंदिता मिश्र, शिक्षाविद् डॉ. अलका दीक्षित, राज्य महिला आयोग सदस्य अनीता गुप्ता एवं डॉ. नीलम त्रिवेदी ने किया। कलश पूजन में डॉ. सीमा श्रीवास्तव, भावना महाना, रमा महाना एवं पुष्पलता मिश्र शामिल रहीं, जबकि देब पूजन मधुकर महाना, सुधीर महाना, डॉ. आनंद निगम व सुमित मिश्रा ने किया। कार्यक्रम संयोजक मनोज सेंगर ने बताया कि"सनातन धर्म में अपने प्रियजन की मृत्यु पर पिण्डदान व तर्पण का विधान है, लेकिन समाज ने गर्भ में ही मारी गई बेटियों के लिए कभी वैदिक पूजन नहीं किया। इस भूल को सुधारते हुए हम अजन्मी बेटियों से क्षमा मांगकर उनका पिण्डदान कर रहे हैं।"पूजन कार्य में मनीषा माहेश्वरी, डॉ. प्रतिभा बंधु, कमलेश उपाध्याय, विमल राय, आम्बका श्रीवास्तव, कामिनी दास, कु. छाया, कु. गौरी, डॉ. अनुपम जैन, रेखा शुक्ला व सरला शुक्ला ने विधिविधान से सहभागिता की। संयोजिका माधवी सेंगर ने सभी अतिथियों को अंगवस्त्र भेंटकर स्वागत किया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में सुमित मिश्रा गोल्डी, सुरेन्द्र गुप्ता, राजीव महाना, मनोज अग्रवाल, अनिल राय, राव तिवारी, संजय भारती, पियूष दास, अभिषेक, गौतम, दीपक व रिमझिम का विशेष सहयोग रहा।कार्यक्रम का समापन भव्य महा आरती के साथ हुआ।