यूपीयूएमएस, सैफई के दो पीजी छात्रों को शोध परियोजनाओं के लिए आईसीएमआर-डीएचआर से मिली वित्तीय सहायता
*संस्थान की बढ़ती शोध उत्कृष्टता और राष्ट्रीय पहचान का प्रमाण
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस सैफई ।उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (यूपीयूएमएस), सैफई के पैथोलॉजी विभाग की दो स्नातकोत्तर (पीजी) शोध परियोजनाओं को स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग (डीएचआर) कार्यक्रम के अंतर्गत भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। यह उपलब्धि विभाग की निरंतर बढ़ती शोध उत्कृष्टता, नवाचारपूर्ण दृष्टिकोण और राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता को दर्शाती है
माननीय कुलपति, प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने दोनों शोध परियोजनाओं के स्वीकृत होने पर विभाग को बधाई देते हुए कहा कि,"यह उपलब्धि यूपीयूएमएस में सशक्त शोध संस्कृति और युवा शोधकर्ताओं की प्रतिबद्धता का परिणाम है। इस प्रकार के अध्ययन न केवल चिकित्सा विज्ञान में नवाचार को बढ़ावा देंगे, बल्कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के शीघ्र निदान और उपचार में भी नई दिशा प्रदान करेंगे।
पहली परियोजना, डॉ. अनुप्रिया सिंह के नेतृत्व में संचालित की जा रही है, जिसका शीर्षक है —
“इम्यूनोहिस्टोकेमिकल और एफआईएसएच-आधारित बायोमार्कर का उपयोग करके मूत्राशय के यूरोथेलियल कार्सिनोमा का आणविक वर्गीकरण: एक तृतीयक देखभाल केंद्र में एक अध्ययन।”
इस शोध का उद्देश्य उन्नत आणविक तकनीकों के माध्यम से मूत्राशय कार्सिनोमा के निदान की सटीकता को बढ़ाना और इसके आणविक उप-प्रकारों को बेहतर ढंग से परिभाषित करना है।
दूसरी परियोजना, डॉ. शरीफ उर रहमान चौधरी द्वारा प्रारंभ की गई है, जिसका शीर्षक है —
“डब्ल्यूएचओ सीएनएस 2021 दिशानिर्देशों के अनुसार सीएनएस ट्यूमर का हिस्टोपैथोलॉजिकल और एकीकृत आणविक वर्गीकरण तथा इंट्राऑपरेटिव स्क्वैश साइटोलॉजी के साथ इसका सहसंबंध।”
यह अध्ययन डब्ल्यूएचओ 2021 दिशानिर्देशों के अनुरूप मस्तिष्क ट्यूमर (CNS Tumors) के अधिक सटीक और एकीकृत वर्गीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह दोनों परियोजनायें (डॉ.) पिंकी पांडे, प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, (पैथोलॉजी विभाग) के कुशल मार्गदर्शन में संचालित की जा रही है।
यह सफलता यूपीयूएमएस की उस प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है जिसके तहत संस्थान कैंसर की रोकथाम, शीघ्र निदान, और गुणवत्तापूर्ण रोगी देखभाल के राष्ट्रीय मिशन में निरंतर योगदान दे रहा है।