कार्डियोलॉजी के डॉक्टर को एटीएस ने उठाया
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। दिल्ली ब्लास्ट के तार अब जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हृदय रोग संस्थान तक जा पहुंचे है। कार्डियोलॉजी में काम करते है जिन्हें गुरुवार को एटीएस ने उठा लिया।
बता दे कि डॉ. मोहम्मद आरिफ ने नीट सुपर स्पेशियलिटी में ऑल इंडिया रैंक 1008 हासिल की। लेकिन चौंकाने वाली बात ये सामने आई कि एसजीपीआई लखनऊ जैसी प्रतिष्ठित संस्था की सीट छोड़कर कानपुर को क्यों चुना। अब उनके इस फैसले को लेकर मेडिकल जगत में तरह-तरह की चर्चाएं हैं। दिल्ली ब्लास्ट के बाद एटीएस के सभी रिकॉर्ड खंगालने शुरू कर दिए है। कुछ वरिष्ठ डॉक्टरों का कहना है कि डॉ. मोहम्मद आरिफ पहले से एक डॉक्टर मोहम्मद यासिर के संपर्क में थे। डॉ यासिर के साथ काम करने की इच्छा उन्हें कानपुर ले आई। हालांकि, इस पर कॉलेज प्रशासन ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
सूत्रों के मुताबिक, डॉ. आरिफ पूछताछ में लगातार गोलमोल जवाब दे रहे थे, जिसके बाद एटीएस की टीम उन्हें दिल्ली लेकर चली गई। अब उन्हें दिल्ली ब्लास्ट केस में पकड़े गए अन्य आरोपियों के आमने-सामने बैठाकर गहन पूछताछ की जाएगी। हृदय रोग संस्थान में डॉ. आरिफ के प्रोफेसर डॉ. अवधेश कुमार शर्मा ने पुष्टि की कि डॉ. आरिफ उनके संस्थान में तीन वर्षीय डीएम कार्डियोलॉजी कोर्स के प्रथम वर्ष के छात्र थे।
सूत्रों की माने तो डॉ. यासिर ने ही डॉ. आरिफ को अशोक नगर वाला रूम दिलाया था। कुछ दिन पहले वहां डॉ. अभिषेक रह रहे थे। उसी फ्लैट को अब शेयरिंग में डॉ. आरिफ को दिलाया गया। डॉ. अभिषेक ने बताया कि वो ज्यादातर अपने कमरे में रहते, पढ़ाई करते और अस्पताल चले जाते थे। फिलहाल, एटीएस और एनआईए की टीमें कानपुर में डेरा डाले हुए हैं और डॉ. शाहीन से जुड़े आतंकी नेटवर्क की कड़ियाँ जोड़ने की कोशिशें लगातार जारी हैं।