फसल अवशेष प्रबंधन पर गांव जसापुर में हुआ आयोजन
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर।चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि के अधीन कार्यरत कृषि विज्ञान केंद्र दलीपनगर द्वारा डॉ आरके यादव निदेशक प्रसार के निर्देशानुसार गांव जसापुर विकासखंड झींझक में फसल अवशेष प्रबंधन परियोजना के अंतर्गत ग्राम स्तरीय कृषक जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता गांव के प्रगतिशील कृषक फूल सिंह द्वारा की गई। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ खलील खान द्वारा किसानों को बताया गया कि किसान भाई पराली को खेत में मिलाएं तथा खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ाएं एवं अपनी पराली में बिल्कुल भी आग न लगाएं जिससे पर्यावरण प्रदूषित होता है। आवश्यक पोषक तत्वों का नुकसान होता है । डॉ खान ने बताया कि 1 टन पराली को खेत में मिलाने पर 5.5 किलोग्राम नत्रजन , 2.3 किलोग्राम फास्फोरस ,25 किलोग्राम पोटाश तथा 1.2 किलोग्राम ग्राम गंधक के अलावा आवश्यक मात्रा में सूक्ष्म पोषक तत्व,सूक्ष्मजीव होते हैं जो खेत की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने में काम आते हैं। उन्होंने कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन की कई मशीनें हैं जो किसानों को 80% तक अनुदान पर देय हैं । पशुपालन वैज्ञानिक डॉक्टर शशिकांत ने पशुओं में होने वाली खुरपका, मुंहपका, बीमारियों के नियंत्रण एवं सर्दी में दुधारू पशुओं के प्रबंधन हेतु विस्तार से जानकारी दी।गांव के किसानो ने जागरूकता कार्यक्रम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया एवं खेती किसानी, पशुपालन एवं बागवानी से संबंधित अपनी शंकाओं का समाधान भी किया। गृह वैज्ञानिक डॉ निमिषा अवस्थी ने श्री अन्न के बारे में विस्तार से बताया। इस अवसर पर कृषि विभाग के डॉ बालकृष्ण, जयवीर सिंह, राकेश कुमार,संजीव कुमार, अमर पाल सिंह, प्रताप नारायण गांव के श्री शिवम् सिंह , नरोत्तम कुशवाहा, धर्मेंद्र सिंह, अनुराग यादव, अश्वनी यादव राम कुमार सिंह, अनुराग सिंह सहित 65 से अधिक किसानों ने भाग लिया।
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