10 सूत्रीय मांगों के समर्थन में मध्यावकाश के दौरान किया प्रदर्शन
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्पलाईज एंड वर्कर्स एवं आयकर कर्मचारी महासंघ केंद्रीय मुख्यालय नई दिल्ली के अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड सर्किल द्वारा कानपुर सहित पश्चिमी ऊ.प्र. एवं उत्तराखंड सर्किल के समस्त स्टेशनों सहित कानपुर स्थित आयकर भवन मुख्यालय में निम्न 10 सूत्रीय मांगों के समर्थन में मध्यावकाश के दौरान प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शन में पश्चिमी ऊ.प्र. एवं उत्तराखंड सर्किल के मुख्यालय कानपुर में स्थित समस्त आयकर कार्यालयों में आयकर कर्मचारी महासंघ,पश्चिमी ऊ.प्र. एवं उत्तराखंड सर्किल तथा कानपुर रीज़न द्वारा इस प्रदर्शन को शत प्रतिशत सफल बनाया गया।मांग-पत्र में 8वें वेतन आयोग के कार्यादेश में परिसंघ एवं स्टाफ साइड एन.सी.-जे.सी.एम. द्वारा कर्मचारियों एवं पेंशनरों के वेतन/पेंशन संशोधन तथा अन्य विषयों पर दिए गए सुझावों/विचारों को सम्मिलित करते हुए संशोधन किया जाए। 50% महंगाई भत्ता/महंगाई राहत को मूल वेतन/पेंशन में विलय किया जाए। 1जनवरी 2026 से वेतन/पेंशन का 20% अंतरिम राहत प्रदान की जाए। एनपीएस/यूपीएस को समाप्त कर सभी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए।पेंशनरों के बीच किसी भी प्रकार का भेदभाव न किया जाए, विशेषकर सेवानिवृत्ति की तिथि अथवा केंद्रीय वेतन आयोग की स्वीकृत सिफारिशों के आधार पर। कोविड महामारी के दौरान स्थगित किए गए 18 माह (तीन किस्तों) के महंगाई भत्ता/महंगाई राहत को कर्मचारियों एवं पेंशनरों को जारी किया जाए तथा पेंशन के कम्यूटेड भाग की बहाली 15 वर्ष के स्थान पर 11 वर्ष में की जाए।
अनुकंपा नियुक्ति पर लगाए गए 5% की सीमा को हटाया जाए तथा दिवंगत कर्मचारी के आश्रितों/परिजनों को सभी मामलों में अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाए। सभी विभागों में सभी संवर्गों के रिक्त पदों को भरा जाए, आउटसोर्सिंग एवं सरकारी विभागों के कॉरपोरेटाइजेशन को रोका जाए। जे.सी.एम. तंत्र के अनुसार संघों/महासंघों के लोकतांत्रिक संचालन को सुनिश्चित किया जाए:
(क) लंबित संघों/महासंघों को मान्यता प्रदान की जाए तथा ग्रुप-सी यूनियन, एवं की मान्यता निरस्तीकरण के आदेश वापस लिए जाएँ।(ख) सेवा संघों/महासंघों पर नियम 15(1)(c) का थोपना बंद किया जाए। (ग) यूनियन पदाधिकारियों के विरुद्ध प्रतिशोधात्मक उत्पीड़न/पीड़न को रोका जाए। जे.सी.एम. के अंतर्गत मध्यस्थता बोर्ड द्वारा दिए गए उन पुरस्कारों को, जिन पर सहमति बन चुकी है, विशेषकर सी.ए. संदर्भ संख्या 3/2001 के मामलों में, तुरंत लागू किया जाए। कैज़ुअल कंटिजेंट, संविदा श्रमिकों तथा जी.डी.एस. कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जाए तथा स्वायत्त निकायों के कर्मचारियों को केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के समान दर्जा प्रदान किया जाए। इस प्रदर्शन में मुख्य रूप से पश्चिमी ऊ.प्र. एवं उत्तराखंड सर्किल के महासचिव कॉम सुनील कुमार के अलावा विशेष रूप से पूर्व महासचिव एवं वरिष्ठ केंद्रीय नेता काम. शरद प्रकाश अग्रवाल, संयुक्त सचिव कॉम पंकज यादव, सहायक सचिव कॉम अभिषेक बाजपेई, ऑडिटर काम अनिल चौधरी, अशोक द्विवेदी, काम. आनंद द्विवेदी,उत्कर्ष शुक्ला, काम. उमेश वर्मा, काम. प्रवीण बाजपेई, काम. कृष्ण कुमार, काम. दीपांकर चौरसिया, काम अमित पटेल, काम वैभव सचान,काम चंद्रभान सिंह, काम आनंद प्रकाश मिश्रा, सहित भारी संख्या में कर्मचारियों ने भाग लेकर कार्यक्रम को सफल बनाया। अध्यक्षता आयकर कर्मचारी महासंघ, कानपुर रीजन के अध्यक्ष कॉम नवनीत शुक्ला तथा संचालन उत्तर प्रदेश के सहायक सचिव काम. शिव कुमार द्वारा किया गया |