भारतीय कंपनी सचिव संस्थान के कानपुर चैप्टर का मना 51 वा स्थापना दिवस
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। भारतीय कंपनी सचिव संस्थान के एन आई आर सी के कानपुर चैप्टर द्वारा मंगलवार को होटल कैप्सूल रेस्टोरेंट, सिविल लाइंस, कानपुर में कानपुर चैप्टर का 51 वा स्थापना दिवस मनाया गया, कार्यक्रम में अंतरिम बजट 2024 पर करी गई चर्चा जिसमें मुख्य अतिथि सीएस प्रदीप कुमार निगम, मुख्य वक्ता सीए दिनेश चंद्र शुक्ला रहे।
सीएस रीना जाखोदिया, अध्यक्षा, भारतीय कंपनी सचिव संस्थान कानपुर चैप्टर ने सभी आए हुए अतिथियों, सदस्यों और सभी छात्र छात्राओं का स्वागत करते हुए 51 वे स्थापना दिवस की बधाई दी। कानपुर चैप्टर की स्थापना 6 फरवरी 1974 को हुई थी। सीएस रीना जाखोदिया जी, ने बताया कि हमने 6 फरवरी, 1974 को कानपुर में आई सी एस आई के एन आई आर सी के कानपुर चैप्टर के लिए अपनी यात्रा शुरू की, और बाद में 4 नवंबर, 1989 को अपने वर्तमान परिसर में स्थानांतरित हो गए। आने वाले वर्षों में, कानपुर चैप्टर अपना खुद का परिसर बनाने के लिए तैयार है। शताब्दी नगर में भवन का निर्माण होगा । सीएस प्रोफेशनल्स की मांग दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। हमारे सीएस पेशेवर विभिन्न अधिनियमों के लिए आवश्यक कॉर्पोरेट और अन्य अनुपालनों की देख रेख करते हैं। कंपनियां, सीएस सदस्यों और छात्रों को अपने कॉपरिट ढांचे में नियोजित कर के लाभ उठा सकती हैं और यह सुनिश्चित कर सकती हैं कि उनकी कंपनी पूरी तरह से अनुपालनशील बन जाए।
सीएस प्रदीप निगम ने बताया कि जब उन्होंने रजिस्ट्रेशन कराया तो पढ़ाई में एकेडमिक सपोर्ट मिलना बहुत मुश्किल था। केवल कुछ प्रोफेसर ही अपने घरों पर व्यक्तिगत विषयवार कोचिंग प्रदान कर रहे थे। छात्रों की मांग पर कानपुर विद्या मंदिर में सायंकालीन मौखिक कोचिंग शुरू की गई। वर्ष 1995 में उन्हे आई सी एस आई की सदस्यता (एसीएस) मिली और जे एन ग्रुप कानपुर की एक कंपनी में कंपनी सचिव के रूप में नियुक्ति मिली।मुख्य वक्ता सीए दिनेश चंद्र शुक्ला ने बताया कि इस बजट में पुरानी आयकर बकाया देनदारियों को निपटाने की व्यवस्था भी की गई है। वित्तीय वर्ष 2010 तक Rs.25000/- तक की आयकर बकाया देनदारियो को वापस लेने तथा वित्तीयवर्ष 2011 से 2014 तक की आयकर बकाया देनदारियों को वापस लेने की बात की गई है जिसमें अनेकों पुरानी समस्याओं से राहत मिलेगी। अंतिम बजट की व्यवस्था के अंतर्गत आयकर दरो को यथावत रखा गया है। पिछले बजट में प्रस्तावित विदेशी मुद्रा को भेजने की स्थिति में 20% टीडीएस का प्रस्ताव को नियमित कर दिया गया है। स्टार्टअप को मिलने वाली छूट को 2025 तक बढ़ा दिया गया है परंतु नई यूनिट को धारा 115 बीएबी को 15% दर से आयकर देयता वाली छूट नहीं बढ़ाई गई है। पिछले बजट में प्रस्तावित धारा 43 बी में भांतियां को दूर करते हुए के सीए डी. सी शुक्ला ने कहा कि यह धारा सूक्ष्म तथा लघु इकाइयों से माल खरीदने पर ही लागू होगी। यदि माल या सेवा ट्रेड से ली गई है तो यह धारा प्रभावित नहीं होगी चाहे ट्रेड्स का पंजीकरण उद्यम के रूप में एम एस एम ई अधिनियम में हो भी चुका हो। उन्होंने बढ़ाते आयकर दाताओं तथा बढ़ाते आयकर समूह पर प्रसन्नता व्यक्त की।
आयकर दाता को 26 एएस तथा डिजिटाइजेशन से अपना आयकर विवरणी भेजने में बड़ी सुविधा मिल रही है। फेसलेस असेसमेंट से भय का माहौल भी समाप्त हो रहा है तथा सूचना व प्रौद्योगिकी के लाभ से कार्य व व्यापार करना आसान हो रहा है। इस अवसर पर स्टॉक होल्डिंग कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड वित्तीय सेवा क्षेत्र में 32 वर्षों से वन स्टॉप सॉल्यूशन द्वारा भी आई एस आई एन शेयरों की जेनरेशन और डी मैट संचालन में अपनी महत्वपूर्ण अंतर दृष्टि दी। कार्यक्रम में सीएस आशीष बंसल, सीएस मनीष कुमार पाल, सीएस ईशा कपूर, सीएस वैभव अग्निहोत्री, सीएस जागृति मिश्रा, सीएस मनीष शुक्ला, सीएस राकेश श्रीवास्तव सीएस अरविंद कटियार, सीएस सुशील गुप्ता, सीएस हेमंत सजनानी, सीएस अंकित मल्होत्रा आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम के संचालन में सीएस प्रोफेशनल की छात्रा हरप्रीतकौर और सीएस प्रोफेशनल की छात्रा सुखलीन कौर द्वारा किया गया।