राष्ट्रीय टीम के विशेषज्ञों ने की सर्वजन दवा सेवन अभियान समीक्षा एवं निगरानी
*जनपद कानपुर नगर और कानपुर देहात के विभिन्न गाँवों में किया भ्रमण
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर यूपी में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत सर्वजन दवा सेवन अभियान 27 जिलों के 340 अत्यधिक फाइलेरिया प्रभावित ब्लॉकों में आयोजित किया गया। इस अभियान का शुभारम्भ केंद्रीय राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण और आयुष मंत्रालय द्वारा किया 10 अगस्त को किया गया। अभियान को सफलतापूर्वक संचालित करने के लिए 1,23,024 प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को 61,512 टीमों में गठित किया और 12,302 पर्यवेक्षकों भी तैयार किया गया जिससे वह सभी को फाइलेरिया रोधी दवा की निर्धारित खुराक घर-घर और बूथों पर खिलाना सुनिश्चित करें । अभियान के दौरान 6.70 करोड़ लोगों तक पहुंचने का प्रलक्ष्य रखा गया जिसके सापेक्ष 6.52 लोगों को दवा खिलने का लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है।
इसी क्रम में डॉ. तनु जैन, निदेशक, नेशनल सेंटर फॉर वेक्टर-बॉर्न रोग नियंत्रण (एनसीवीबीडीसी) के नेतृत्व में विशेषज्ञों की एक राष्ट्रीय टीम जिसमें एंटोमोलॉजिस्ट्स भी शामिल थे ने जनपद कानपुर नगर एवं कानपुर देहात के तीन दिवसीय दौरे में अभियान की प्रभावशीलता का प्रत्यक्ष मूल्यांकन किया । जनपद कानपुर नगर में फाइलेरिया के मामले में सबसे प्रभावित ब्लॉक घाटमपुर, कल्याणपुर, सरसौल, भीतरगांव और शिवराजपुर हैं। जनपद कानपुर नगर के सरसौल ब्लॉक के गंगागंज गांव से रायपुर गावं तक और कानपुर देहात के सरवनखेड़ा ब्लॉक में दुआरी गांव और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में राष्ट्रीय निगरानी टीम ने घर-घर जाकर ग्रामीणों से मिलकर अभियान का जायजा लिया। उन्होंने जाना कि फाइलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों ने दवाओं का सेवन किया है या नहीं और वह सभी अभियान और फाइलेरिया रोधी दवाओं के सेवन के लाभकारी प्रभाव के विषय में जानते हैं या नहीं । इसके बाद टीम द्वारा डीटीसी ग्वालटोली के अंतर्गत आने वाले परमठ क्षेत्र में घर घर लोगो से अभियान के विषय में जानकारी लिया और परमठ मंदिर के प्रांगड़ में लगे फाइलेरिया बूथ का भी अवलोकन किया।
इसके साथ ही निदेशक डॉ जैन ने जीएसवी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ संजय कला और सीनियर फैकल्टी से इस बारे में विचार-विमर्श किया । उन्होंने मेडिकल कॉलेज और उनके द्वारा एमडीए अभियान की परिणामी निगरानी सहित फाइलेरिया से पीड़ित सैकड़ों रोगियों की हाइड्रोसील सर्जरी के बारे में बात की । उन्होंने चंद्रशेखर आजाद विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर फाइलरिया बीमारी के विषय में छात्र छात्राओं का अभिमुखीकरण भी किया।
निदेशक डॉ. तनु जैन ने कहा कि यह खुशी की बात है कि ज्यादातर मामलों में दवा स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के सामने खाई गई है । उनका कहना है 90% पात्र लोगों के लिए दवा अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है। निदेशक ने दोनों ही जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं जिला मलेरिया अधिकारी से आग्रह किया कि फाइलेरिया अभियान का मॉप-अप चरण चलायें ताकि यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं रह जाये कि स्थानिक गांवों में सभी व्यक्ति और परिवार लिम्फैटिक फाइलेरियासिस के संकट से बच सकें और सुरक्षित हों।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आलोक रंजन ने बताया की निदेशक डॉ तनु जैन के निर्देशन में फाइलेरिया अभियान के लिये मॉप अप चलाया जायेगा । इस दौरान विभिन्न विद्यालयों सहित अन्य संस्थानों में बूथ लगा कर लोगो को दवा सेवन करने के लिए प्रेरित कर उन्हें फाइलेरिया रोधी दवा अपने सामने खिलाई जायेगी।