जिलाधिकारी ने तीन माह की शिशु को पिलाई पोलियो की तीसरी खुराक
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर।जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ग्वालटोली स्थित नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुँचे, जहाँ उन्होंने जन आरोग्य समिति की बैठक में भाग लेकर केंद्र की व्यवस्थाओं का प्रत्यक्ष जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने कहा कि जन आरोग्य समितियाँ ही वे स्थानीय मंच हैं, जिनके माध्यम से नागरिकों की जरूरतें सीधे स्वास्थ्य व्यवस्था तक पहुँचती हैं और वास्तविक सुधार संभव होता है।जिलाधिकारी ने बताया कि प्रत्येक नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को 2.50 लाख रुपये की वार्षिक धनराशि उपलब्ध होती है, जिसके जरिए केंद्रों पर छोटे लेकिन जरूरी विकास कार्य समय से पूरा किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि जनपद के 53 नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को यह राशि नियमित रूप से जारी की जा रही है और इसका उपयोग पारदर्शी तरीके से होना चाहिए, ताकि लोग बेहतर सेवाएँ महसूस कर सकें। उन्होंने बताया कि डफरिन, बैरी कल्याणपुर और ग्वालटोली को मिलाकर जनपद में तीन मॉडल इम्यूनाइजेशन सेंटर स्थापित किए गए हैं। इन केंद्रों में बच्चों के खेलने का विशेष कक्ष, महिलाओं के लिए स्तनपान कक्ष और परीक्षण कक्ष जैसी सुविधाएँ विकसित की गई हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि मंगलवार से रविवार तक सुबह 9 से शाम 4 बजे तक 12 गम्भीर बीमारियों से बचाव हेतु नियमित टीकाकरण उपलब्ध है। केंद्र पर लगाए गए क्यूआर कोड के माध्यम से महिलाएँ आसान तरीके से फीडबैक भी दे सकती हैं। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने तीन माह की शिशु शान्विका, पुत्री दिलीप कुमार सैनी, को पोलियो की तीसरी खुराक पिलाई। उन्होंने अभिभावकों से कहा कि टीकाकरण में लापरवाही बच्चों के भविष्य के साथ जोखिम जैसा है, इसलिए सभी लोग निर्धारित समय पर टीके अवश्य लगवाएँजिलाधिकारी ने बताया कि जन आरोग्य समिति में सभासद अध्यक्ष, चिकित्सा अधिकारी, आशा संगिनी और मुख्य सेविका सहित कई स्थानीय प्रतिनिधि शामिल होते हैं। समिति को प्राप्त वार्षिक धनराशि उपकरण खरीद, सामग्री, प्रचार-प्रसार और विकास कार्यों पर खर्च की जाती है।उन्होंने कहा कि जहाँ समितियाँ सक्रिय हैं, वहाँ सेवाओं में सुधार स्वतः दिखाई देता है। ग्वालटोली केंद्र इसका उदाहरण है। इसी प्रकार जनपद के अन्य सभी केंद्रों पर भी समितियों को सक्रिय किया जाएगा, जिससे नगरीय स्वास्थ्य सेवाएँ और सुदृढ़ हों।
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