पंचायत सचिव निलंबित, खंड विकास अधिकारी से स्पष्टीकरण तलब
*ककवन के गढ़ी स्थित अस्थायी गौ-आश्रय स्थल में अव्यवस्थाएँ मिलने पर डीएम के निर्देश पर हुई कार्रवाई
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर नगर।गढ़ी बिहारीपुर स्थित अस्थायी गौ-आश्रय स्थल के संबंध में प्राप्त सूचनाओं के आधार पर जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम बिल्हौर और मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा संयुक्त निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में संरक्षित गौवंशों की संख्या, चारे की उपलब्धता, साफ-सफाई और अभिलेख रख-रखाव से संबंधित कई व्यवस्थाएँ संतोषजनक नहीं पाई गईं। रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी ने पंचायत सचिव को निलंबित कर दिया है तथा खंड विकास अधिकारी ककवन से स्पष्टीकरण तलब किया गया है।निरीक्षण दल ने पाया कि अभिलेखीय संख्या की तुलना में गौवंशों की उपलब्ध संख्या कम थी। गौ-आश्रय स्थल की सीमा पर सुरक्षा प्रबंध जैसे तारबंदी और खाई कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त पाई गई, जिसकी मरम्मत की आवश्यकतानुसार परिसीमन मजबूत करने के निर्देश दिए गए। निरीक्षण के दौरान खाई को ऊँचा करने का कार्य चल रहा था, जिसे शीघ्र पूर्ण कराने को कहा गया।चारे से संबंधित व्यवस्था संतोषजनक नहीं मिली। भूसा घर में पर्याप्त भूसा उपलब्ध नहीं पाया गया और चोकर के भंडारण स्थल की सफाई में भी कमी दर्ज हुई। भूसा सप्लाई में विलंब की पुष्टि होने पर संबंधित फर्म को पूर्व में जारी नोटिस का उल्लेख निरीक्षण में किया गया। दल ने तत्काल पर्याप्त भूसा, चोकर तथा हरे चारे की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।साफ-सफाई और पेयजल की स्थिति में भी सुधार की आवश्यकता पाई गई। पानी के हौजों की सफाई और ताज़े पानी की आपूर्ति तत्काल कराए जाने के निर्देश दिए गए। बीमार एवं वृद्ध गौवंशों के लिए पृथक स्थान विकसित करने की आवश्यकता भी निरीक्षण में चिह्नित की गई।अभिलेखों की जांच के दौरान कुछ रजिस्टर मौके पर उपलब्ध नहीं पाए गए। निरीक्षण दल ने अभिलेख संधारण को व्यवस्थित करने और सभी रजिस्टर नियमित रूप से अद्यतन रखने के निर्देश दिए।
निरीक्षण में दो मृत गौवंश मिले, जिनका नियमानुसार निस्तारण कराया गया। शव निस्तारण स्थल पर खुदाई की गहराई बढ़ाने और मानक के अनुसार व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
निरीक्षण के दौरान सामने आई कमियों को देखते हुए जिलाधिकारी ने जिम्मेदार अधिकारियों एवं कर्मचारियों की कार्यप्रणाली की समीक्षा की। पंचायत सचिव समीर गुप्ता के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित करने के निर्देश दिए, जबकि खंड विकास अधिकारी से पूछा गया है कि पूर्व में दिए गए निर्देशों के बावजूद सुधार क्यों नहीं हुआ। जिलाधिकारी ने सभी गौ-आश्रय स्थलों की व्यवस्थाएँ समयबद्ध रूप से दुरुस्त कराने और नियमित निरीक्षण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।